मंगलवार, 6 जनवरी 2009

भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद शुरू हुई प्रताड़ना

मध्य प्रदेश के 11 जिलों से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम की जानकारी मांगने और इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर बड़वानी जिले के अब्दुल मोहीन को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और पुलिस ने प्रताड़ित और परेशान करना शुरू कर दिया। साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालक अभियंता ने उनके बीपीएल कार्ड धारक होने पर सवाल उठाते हुए एसडीएम से जांच भी बिठवा दी। हालांकि जांच में वे ठीक पाए गए, उसके बाद ही खरगौन जिले से उन्हें वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराई गईं।
दरअसल अब्दुल ने मोहीन ने सूचना के अधिकार के जरिए खुलासा किया था कि प्रदेश के जिलों में जो राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता निगरानी नियंत्रण कार्यक्रम चल रहा है उसमें बड़े पैमाने पर घोटाला और धांधली हुई है। इस कार्यक्रम के तहत हर गांव में 25 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाना था जिनमें 15 सरकारी कर्मचारी और 10 जनप्रतिनिधियों को शामिल होना था। प्रशिक्षण में मूलत: यह बताया जाना था कि पीने के पानी की गुणवत्ता कैसी होनी चाहिए और कौन-सा पानी पीने योग्य है। एक गांव के प्रशिक्षण के लिए 2650 रूपये की राशि की स्वीकृति मिली। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने एक टेंडर जारी कर वसुधा विकास संस्थान नाम की गैर सरकारी संस्था को यह दायित्व सौंप दिया।
मोहीन का कहना है कि संस्था ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और बिल विभाग को भेज दिया। सूचना के अधिकार के अन्तर्गत जब उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त लोगों की सूची बड़वानी जिले से निकलवाई तो प्रशिक्षित गांव में वे लोग नहीं पाए गए जिनका नाम उस सूची में शामिल था। खरगौन, धार, झबुआ, खंडवा आदि आदिवासी जिलों से भी सूचना के अधिकार से यही जानकारी मिली। मोहीन ने पुलिस में भी संस्था की शिकायत की। मोहीन कहते हैं कि पुलिस ने 2 लाख रूपये की घूस लेकर मामला दबा दिया और उन्हीं को परेशान करने लगे। पुलिस थाने में दर्ज मोहीन के बयान की कॉपी भी नहीं दी गई और उल्टा उन्हीं से बोला गया कि तुम्हें बोलने का अधिकार नहीं है। मोहीन लोक यांत्रिकी विभाग और गैर सरकारी संस्था पर पिछडे़ आदिवासी जिलों के लोगों के हितार्थ चलाए जा रहे इस कार्यक्रम धांधली का आरोप लगा रहे हैं। और इन आरोपों को पुख्ता करने वाले तमाम सबूत भी उन्होंने सूचना के अधिकार के जरिए निकलवाए हैं। वे अब भ्रष्टाचार और स्वयं को प्रताड़ित करने के मामले को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी में हैं।

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