गुरुवार, 11 दिसंबर 2008

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का अचूक हथियार है आरटीआई

सत्य प्रकाश

मैं सूचना के अधिकार के बारे में पिछले तीन सालों से लगातार एक पत्रकार के रूप में लगभग 20 से ज्यादा खबर एवं प्रेस कांन्पफ्रेंस में शामिल हुआ। मैं लगातार ये देखता आया कि अभी इस कानून का बडे़ शहरों में प्रयोग ज्यादा हो रहा है। और अगर हम इस कानून का प्रयोग अपने क्षेत्र जो एक ऐसा गांव है, में करें तो भ्रष्टाचार पर काफ़ी हद तक लगाम लगाई जा सकती है। एक ऐसा गांव जहां आज भी आजादी के 60 बरस बाद लोगों को ये नहीं पता कि हमारा अधिकार क्या है? जहां एक डी दर्जे के सरकारी कर्मचारी को देखकर लोगों को लगता है कि वो एक बहुत ज्ञानी व्यक्ति है। अगर अस्पताल है तो डॉक्टर गायब, स्कूल है तो बच्चे जरूर हैं पर मास्टर पढ़ाने के बजाय अपने काम में व्यस्त, अगर ब्लॉक है तो कर्मचारी अपना काम कम समय ज्यादा ले रहा है। हद तो तब हो गई जब लोगों ने सरकारी जमीन को कौड़ी के भाव में बेचना शुरू कर दिया। सरकारी आवास के नाम पर निजी घर बनना शुरू हो गया। वोटर कार्ड के लिए लोगों से पैसा वसूला जाने लगा।

अगस्त 2008 में मैंने सूचना के अधिकार के तहत खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) से जानना चाहा कि ग्राम चलकुशा, थाना बरकट्ठा हजारीबाग में बन रहे समुदाय भवन का निर्माण किनकी स्वीकृति से हो रहा है तथा किस मीटिंग में ये फैसला लिया गया था कि यहां पंचायत भवन बनना चाहिए। गांव के कितने लोग उस मीटिंग में शामिल हुए। पर जो जवाब मिला, बड़ा चौंकाने वाला था। मीटिंग ऐसी हुई जिसमें गांव के एक-एक परिवार के 5 सदस्यों ने दस्तखत किया। कितना खर्च लगेगा इसका कोई जवाब नहीं। रांची से वास्तुकार को बुलाया गया, पर जो मटैरियल इस्तेमाल हो रहा है, वो दिए गए जवाब से बिल्कुल विपरीत। फिलहाल आरटीआई डालने के बाद काम तक रुक गया है। मैं तो ये सोच रहा था कि सरकारी विभाग अब इस काम को पूरी लगन से करेगा। उस पर से पूछने पर जवाब ये मिलता है कि ये सब विकास में बाधा का काम है। अगर विकास में आरटीआई बाधा है तो फ़िर आरटीआई जैसे कानून को ये सोचकर फाइल में बंद कर देना चाहिए।

दूसरा आरटीआई आवेदन मैंने अक्टूबर, 2008 में हजारीबाग जिला शिक्षा विभाग में डालकर जिले में शिक्षा के ऊपर कितना फंड, किस-किस स्कूल, नाम पता तथा कल्चरल, खेल पर किए गए खर्च का जवाब मांगा। मैं गलती से 10 रूपये का आवेदन शुल्क जमा कराना भूल गया था। जवाब में शिक्षा विभाग, हजारीबाग से पहले फीस जमा कराने को कहा गया। फीस मैंने 11 नवंबर 2008 को जमा कर दी। आवेदन में मांगी गई सूचना के लिए मैं इंतजार कर रहा हूं।

(लेखक दैनिक जागरण से जुडे़ हैं)

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

sir mai anand sharma vikram university ujjain se bsc kr rha hu mene october- november 2013 me bsc 1st semester ka atkt ka exam diya tha par mera result nhi aya me university gya to vha se muze bola gya ki tumhari copy nhi aayi or muze 5 month ho gye hai koi shi jankari nhi de rhe hai plz sir help me...
my mobile no. 9630793229
roll no 12242542 sir plz abhi mera form dalna hai muze .......
anand sharma....