रविवार, 27 जुलाई 2008

दिल्ली विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माना

केन्द्रीय सूचना आयोग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी दीपक वत्स पर नियत समय पर सूचना न देने पर 5750 रूपये का जुर्माना लगाया है। सूचना देने में 23 दिनों की देरी के लिए वत्स पर यह जुर्माना लगा है। उन्होंने पांडव नगर निवासी नीरज कुमार द्वारा मांगी गई सूचनाओं को 30 दिनों के तय समय सीमा के भीतर नहीं दिया था।
नीरज कुमार ने 21 मार्च 2007 में आरटीआई आवेदन के जरिए दिल्ली विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी से डी एस कोठारी होस्टल, पी जी मेन्स और जुबली हाल हास्टल में रहने वाले छात्रों के नाम और उनके कक्ष संख्या की जानकारी मांगी थी। तय 30 दिनों के अंदर आवदेन का जवाब न मिलने पर नीरज ने 16 मई 2007 में केन्द्रीय सूचना आयोग में इसकी षिकायत दर्ज की। सूचना देने में देरी करने के लिए लोक सूचना अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।
नोटिस का जवाब देते हुए विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने स्पष्टीकरण दिया कि जनवरी और फरवरी 2007 में विश्वविद्यालय के कर्मचारी लंबी हडताल पर थे जिस कारण आवेदक को सूचनाएं समय पर नहीं उपलब्ध कराई जा सकीं। सूचनाधिकारी ने दलील दी कि हडताल से आधिकारिक कार्य में व्यवधान पड़ा और इसके बाद लोक सूचना अधिकारी बीमार पड़ गए और चिकित्सीय अवकाष पर चले गए। सूचना आयोग विष्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ क्योंकि जिस माह की यह दलीलें हैं आवेदन उसके बाद प्राप्त हुआ था।
मामले की सुनवाई के बाद 14 जुलाई 2008 को सूचना आयुक्त ओ पी केजरीवाल ने विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी व सहायक रजिस्ट्रार दीपक वत्स पर 5750 रूपये का जुर्माना लगाने का आदेष दिया। साथ ही विश्वविद्यालय के उप कुलपति को आयोग के फैसले को सहयोग करने के निर्देष दिए। आयोग ने स्पष्ट किया की जुर्माने की राषि 10 अगस्त 2008 तक आयोग के पास पहुंच जाए।


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